दुनिया की 80 फीसदी आबादी को एक या उससे अधिक मच्छर (वेक्टर) जनित बीमारियों का खतरा है। इन बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार, जीका वायरस रोग, लीशमनियासिस और चगास रोग जैसे घातक संक्रमण शामिल हैं। इनकी वजह से दुनिया भर में हर साल लाखों लोग मरते हैं या अक्षम हो जाते हैं। इन बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घरों के अंदर कीटनाशकों के छिड़काव (आईआरएस) को लेकर नया मैनुअल या मार्गदर्शिका जारी किया है।

आईआरएस क्या है?

आईआरएस का मतलब है इनडोर रेसिडुअल स्प्रेइंग, यानि घरों और अन्य इमारतों के अंदर कीटनाशकों का छिड़काव करना। इसका उद्देश्य है रोग फैलाने वाले कीड़ों को मारना या उन्हें दूर भगाना। आईआरएस का उपयोग मुख्य रूप से मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलीज मच्छरों को मारने के लिए किया जाता है, लेकिन यह अन्य बीमारियों को फैलाने वाले कीड़ों को भी प्रभावित कर सकता है।

आईआरएस के लिए, कीटनाशकों को घरों की दीवारों, छतों और अन्य सतहों पर छिड़का जाता है, जहां कीड़े आराम करते हैं या उड़ते हैं। इन कीटनाशकों का प्रभाव कई महीनों तक बना रहता है, जिससे कीड़ों की संख्या कम होती है और रोग का प्रसार रुकता है। आईआरएस का उपयोग विशेष रूप से उन इलाकों में किया जाता है, जहां मच्छरों का प्रतिरोध कीटनाशक-उपचारित जालों के प्रति बढ़ गया है या जहां जालों का उपयोग करना मुश्किल है।

मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलीज मच्छरों को मारने के लिए आईआरएस का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है, लेकिन नए मैनुअल के साथ छिड़काव अन्य बीमारियों को फैलाने वाले कीड़ों को भी मारता है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार मच्छर जनित बीमारियां गरीबी के कारण ज्यादा पनपती हैं और गरीब आबादी में मृत्यु दर अक्सर बहुत अधिक होती है। जो जो लोग इन बीमारियों से किसी तरह बच जाते हैं वे स्थायी रूप से अक्षम या विकृत हो जाते हैं।

आईआरएस के लाभ

आईआरएस के कई लाभ हैं, जैसे:

  • यह रोग फैलाने वाले कीड़ों की संख्या और गतिविधि को कम करता है, जिससे रोग का प्रसार रुकता है।
  • यह लोगों को रोग से बचाने के लिए एक लंबे समय तक कारगर और सस्ता उपाय है।
  • यह लोगों को अपने घरों में सुरक्षित महसूस करने में मदद करता है, जिससे उनका स्वास्थ्य और मनोबल बढ़ता है।
  • यह अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के खिलाफ भी प्रभावी हो सकता है, जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार, जीका वायरस रोग, लीशमनियासिस और चगास रोग।
  • यह अर्थव्यवस्था और विकास पर बीमारियों के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है, जिससे गरीबी और असमानता

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